गुजरात निकाय चुनाव में बीजेपी को 100 सीटों का फायदा, 45 पर सिमटी कांग्रेस
कथित सत्ता विरोधी लहर को ध्वस्त करते करते हुए सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने गुजरात में एक बार फिर बंपर जीत हासिल की है। किसान आंदोलन के बीच हुए निकाय चुनाव में बीजेपी ने गुजरात की सभी छह नगर निगमों पर फिर कब्जा जमाया है तो कांग्रेस को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। आलम यह है कि सूरत में तो पार्टी का खाता भी नहीं खुला, जबकि आम आदमी पार्टी ने यहां दो दर्जन से अधिक सीटें जीतकर दूसरे नंबर पर आ गई है तो बीएसपी और एआईएमआईएम को भी जश्न का मौका मिला है।
बीजेपी को कुल 576 सीटों में से 489 पर जीत हासिल हुई है, जोकि पिछले बार के मुकाबले 100 अधिक है। 2015 के चुनाव में बीजेपी को 572 में से 389 सीटों पर जीत मिली थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में बेहद खराब प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस निकाय चुनावों का इस बार भी हाल बुरा रहा। कांग्रेस के लिए यह कितना बड़ा झटका है इसका अंदाजा इस बात से लगाइए कि पार्टी को इस बार महज 45 सीटें मिली हैं, जबकि 2015 में इसने 174 सीटों पर कब्जा जमाया था यानी 129 सीटों का नुकसान हुआ है।
अहमदाबाद और जामनगर के अलावा सभी अन्य नगर निगमों में कांग्रेस सिंगल डिजिट में सिमट गई तो सूरत में खाता भी नहीं खुल सका। अहमदाबाद में कांग्रेस को 15 सीटें मिलीं तो कुल 192 सीटों में से बीजेपी को 165 सीटों पर जीत मिली। यहां तीन सीटों पर परिणाम आना बाकी है। वहीं, जामनगर में कुल 65 सीटों में से बीजेपी ने 50 सीटें जीतीं तो कांग्रेस को 11 सीटें मिलीं। कांग्रेस को भावनगर में 8 सीटें मिलीं जबकि बीजेपी ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की। वडोदरा में बीजेपी कुल 76 सीटों में से 69 पर जीत मिली तो कांग्रेस यहां सात पर सिमट गई। राजकोट में बीजेपी को 68 सीटों पर जीत मिली तो कांग्रेस यहां 4 ही सीटों पर कब्जा कर पाई।
सूरत में बीजेपी ने 93 सीटों पर कमल खिलाया तो आम आदमी पार्टी ने यहां कांग्रेस पर झाड़ू फेरते हुए 27 सीटें जीत लीं। देश की सबसे पुरानी पार्टी 120 सीटों में से एक भी नहीं जीत पाई। 2015 में पार्टी को 36 सीटें मिली थीं। इनमें से एक को भी बरकरार नहीं रख सकी।असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने कांग्रेस के मजबूत किले अहमदाबाद में सेंध लगाई और सात सीटों पर कब्जा कर लिया, वहीं जामनर में बीएसपी ने भी तीन सीटें जीत लीं। राज्य में दो चरण में हुए स्थानीय निकाय चुनावों को 2022 के विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल माना जा रहा है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने इस जीत को बीजेपी के लिए स्पेशल बताया है तो गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि लेह-लद्दाख से लेकर हैदराबाद तक बीजेपी को जीत मिली है और अब बंगाल की बारी है। बीजेपी ने छह नगर निगमों में शानदार जीत हासिल की है और 449 सीटों पर कमल खिल चुका है और कई सीटों पर अभी बढ़त बनाए हुए है। बीजेपी की जीत पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “पूरे गुजरात में आज की जीत बहुत खास है। ऐसी पार्टी के लिए जो राज्य में 2 दशकों से अधिक समय से ऐसी अभूतपूर्व जीत दर्ज कर रही है, यह सम्मान की बात है। समाज के सभी वर्गों, खासकर गुजरात के युवाओं का भाजपा के प्रति व्यापक समर्थन देखकर खुशी हो रही है।”इसके साथ ही पीएम ने कहा, “शुक्रिया गुजरात! राज्यभर में नगरपालिका चुनावों के परिणाम स्पष्ट रूप से लोगों में विकास और सुशासन की राजनीति के प्रति अटूट विश्वास दिखाते हैं। फिर से भाजपा पर भरोसा करने के लिए राज्य के लोगों का आभारी हूं। गुजरात की सेवा करना हमेशा से एक सम्मान की बात है।”वहीं गुजरात में मिली इस जीत पर खुशी जाहिर करते हुए गृहमंत्री और पूर्व बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि बीजेपी ने जितनी सीटें लड़ीं उनमें से करीब 85 पर्सेंट सीटें जीती हैं। कांग्रेस इस चुनाव में बुरी तरह हारी है और उसे सिर्फ 44 सीटें मिलीं। बीजेपी ने अकेले भावनगर कॉर्पोरेशन में 44 सीटें जीती हैं।
शाह ने कहा कि गुजरात ने भारतीय जनता पार्टी के गढ़ में एक बार फिर खुद को प्रस्थापित किया है। मोदी जी के नेतृत्व में जो विकास की यात्रा चली थी, उसे बीजेपी ने आज भी चालू रखा है। आज जो परिणाम आए हैं, वह गुजरात में अब तक के सबसे अच्छे परिणाम हैं। गृहमंत्री ने कहा, ”देशभर में किसान आंदोलन, कोरोना, कई प्रकार की भ्रांतियां विपक्ष ने खड़ा करने का प्रयास किया था। हर भ्रांति को तोड़ते हुए एक के बाद एक नतीजे आ रहे हैं। लेह लद्दाख से लेकर हैदराबाद तक, गुजरात से लेकर अब बंगाल में चुनाव हैं, उसके नतीजे भी अच्छे आने वाले हैं। मोदी जी के नेतृत्व में एक संपूर्ण विजय बीजेपी को मिली है।”