धधक उठा कासगंज
कासगंज: शहर में शुक्रवार सुबह शुरू हुए बवाल शनिवार शाम तक जारी रहा। इस दौरान उपद्रवियों ने आधा दर्जन बसें और एक दर्जन दुकानों को आग के हवाले कर दिया। कई जगह पथराव और तोड़फोड़ भी की गई। पुलिस ने उपद्रवियों का खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज भी किया। इसके बावजूद शहर शांत नहीं हुए। शुकवार को लगी आग शनिवार को शाम तक धधकती रही।
शुक्रवार को तिरंगा यात्रा पर पथराव के बाद जो बवाल हुआ उसने कासगंज के वर्षो पुराने सोहार्द के माहौल पर बट्टा लगा दिया है। कासगंज में विवाद तो हुए पर इतना बढ़ा कभी नहीं। शुक्रवार को तिरंगा यात्रा के दौरान चंद समुदाय विशेष के युवाओं ने बिलराम गेट क्षेत्र में तिरंगा यात्रा को रोक कर उसे लौटाने की कोशिश की। इसके बाद पाकिस्तान जिंदाबाद के नारेबाजी कर दी। बस यही वजह बवाल बन गई। इसके बाद पूरे शहर का माहौल बिगड़ना शुरू हो गया। फायरिंग में हुई चंदन गुप्ता की मौत ने बवाल को और हवा दे दी। इसके बाद पूरे शहर में जगह जगह पथराव होने लगे। तहसील रोड सबसे संवेदनशील इलाका बना रहा। कुछ ही देर बाद जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया फिर तो उपद्रव और भी बढ़ गया। पुलिस के आला अधिकारियों के अलावा कमिश्नर डीएम भी हालातों पर काबू पाने की कोशिश करते रहे, लेकिन हर पल बेकाबू हालात हाथ से बाहर होते गए। कई जिलों से पुलिस और आला अधिकारी भी शुक्रवार को दिन भर शांति की अपील करते रहे। यह अपील निरर्थक साबित हुई। शुक्रवार को ही दोपहर को दो धर्मस्थलों में आगजनी कुछ दुकानों में लूट ने दोनों समुदाय के उपद्रवी फिर से आमने सामने ला दिए। देर शाम उपद्रवियों और भी आक्रोश बढ़ा। कई इलाकों में प्रदर्शन किया गया। इस बार भी पुलिस ने लाठीचार्ज किया और उपद्रवी खदेड़ दिए। शाम को मालगोदाम चौराहे पर आगजनी की गई और यहां गाड़ियों में जमकर तोड़फोड़ हुई। इस दौरान एक समुदाय विशेष के युवक को प्रदर्शनकारियों ने लाठी डंडों से पीटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। रात गहराई तो लगा कि रात के साथ मामला शांत हो जाएगा। ऐसा हुआ नहीं शनिवार सुबह होते ही गलियों में फिर से टोलियां बन गई और हजारों लोग मृतक के घर एकत्रित हुए। काली नदी पर अंतिम संस्कार हुआ और वहां से जब लोग लौटे तो फिर तो शहर जलने लगा। उपद्रवियों ने यहां एक बस, खाली दुकान, जनरेटर में आग लगा दी। दमकल कर्मियों बमुश्किल आग पर काबू पाया।
इधर, डीएम आरपी सिंह और एसपी सुनील कुमार लोगों से शांति की अपील कर रहे थे उधर बारद्वारी पर चार दुकानों में आग लगा दी गई। आरएएफ और पुलिस यहां से प्रदर्शनकारियों को खदेड़ सकी तब तक नदरई गेट इलाके में उपद्रवियों ने चार बसों को आग के हवाले कर दिया। सहावर गेट, बिलराम गेट पर भी कई जगहों पर आगजनी हुई है। समुदाय विशेष के कुछ अराजक तत्व कई बार फाय¨रग कर दहशत भी फैलाते रहे।शनिवार को बारद्वारी और सहावर गेट अमांपुर अड्डे पर दुकानों में तोड़फोड़ के दौरान लूट सी मच गई। कई उपद्रवी दुकानों में भरा सामान उठाकर ले जाने लगे तो कुछ अराजक तत्व फर्नीचर जलाने में लगे रहे।
मृतक चंदन के पिता बोले- हिंदुस्तान जिंदाबाद कहना अपराध, तो हमें भी मार दो गोली
प्राइवेट हॉस्पिटल में नौकरी करने वाले सुशील गुप्ता (चंदन के पिता) ने कहा, ‘मेरा बेटा भारत माता की जय कहते हुए शहीद हो गया।’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘मेरे बेटे को रोक लिया गया और कहा गया कि पाकिस्तान जिंदाबाद और हिंदुस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाओ। जब चंदन ने इनकार कर दिया तो उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।’
‘चंदन को मिले शहीद का दर्जा’
मृतक के पिता ने बताया कि चंदन बीकॉम के छात्र थे और संकल्प नाम से एक प्राइवेट संस्था चलाते थे। वह गरीबों की मदद, ब्लड डोनेट करने जैसे सामाजिक काम करते रहते थे। यही नहीं, चंदन की मां संगीता गुप्ता ने कहा, ‘यदि हिदुस्तान में रहते हुए हिंदुस्तान जिंदाबाद कहना अपराध है तो हमें भी गोली मार दी जाए। चंदन के पिता की मांग है कि उनके बेटे को शहीद का दर्जा मिले।’