क्या दिल्ली पुलिस में जवानोंं को मरने के लिए भर्ती किया गया है ?
नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में भड़की हिंसा में अब तक 22 लोगों की जान जा चुकी है. हिंसा में मरने वालों में दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल भी हैं. दिल्ली पुलिस के इस जांबाज के घर गम का माहौल है. परिवार में सन्नाटा पसरा हुआ है. जब रतन लाल की पत्नी पूनम को पति की मौत की खबर मिली थी, तो वो बेहोश हो गई थीं. बुधवार को आजतक से बातचीत के दौरान पूनम दिल्ली पुलिस से खासा नाराज दिखीं और कुछ सवाल भी किए.पूनम ने कहा कि पुलिस कर्मियों को हिंसक प्रदर्शनकारियों के सामने एक डंडे के साथ छोड़ दिया गया था. क्या पुलिस विभाग को ये नहीं दिखा कि हिंसक प्रदर्शनकारी फायरिंग कर रहे थे. पुलिस को फायरिंग के लिए राइफल और गोली मिलनी चाहिए थी. दिल्ली में पुलिस कर्मियों को इस तरह से क्यों छोड़ दिया गया?
पूनम ने सवाल किया कि क्या दिल्ली पुलिस में जवानोंं को मरने के लिए भर्ती किया गया है? क्या वो किसी के बेटे नहीं हैं? क्या वो किसी के पिता नहीं हैं? ऐसे कई सवाल पूनम के जहन में हैं और आज वो दिल्ली पुलिस से सवाल कर रही हैं रतन लाल के तीन बच्चे भी हैं. मृतक हेड कॉन्स्टेबल के बच्चों ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से सवाल किया कि हमारे पापा का कसूर क्या था? रतन लाल की बेटी ने अपने पिता के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की भी मांग की है. उन्होंने कहा कि मेरे पिता की मौत के दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए.
पथराव नहीं गोली लगने से हुई थी हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की मौत
दिल्ली हिंसा में हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की गोली लगने से मौत हुई थी. यह खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ. पहले खबर आई थी कि रतन लाल की मौत पथराव में हुई, लेकिन ऑटोप्सी में साफ हुआ कि उनके शरीर में एक गोली फंसी थी.पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, यह गोली बाएं कंधे से होते हुए दाएं कंधे की ओर गई थी. पोस्टमार्टम के बाद गोली को बाहर निकाल दिया गया है. अब साफ हो गया कि रतन लाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई. अब तक इस मामले में 20 लोगों की मौत हुई है, जिसमें हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल शामिल है.