दीपावली में महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के उपाय
हिन्दू धर्म में अधिकतर त्यौहार शुक्ल पक्ष किसी तिथि को या फिर पूर्णिमा को मनाये जाते है लेकिन दीपावली एक ऐसा पर्व है, जो कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है। मान्यता है कि आज की रात्रि में श्री रामचन्द्र जी लंका नरेश रावण का वध करके सीता सहित आयोध्या नगरी वापस आये थे। आगमन की प्रसन्नता में अयोध्या वासियों ने अपने-अपने घरों में दीप जलाये थे। वास्तव में दीपावाली का पर्व असत्य पर सत्य की विजय का पर्व है। दीपावली में प्रदोष काल में लक्ष्मीन्द्र-कुबेरादि पूजा तथा महानिशीथ काल में महालक्ष्मी का पूजन करना चाहिए। मां भगवती लक्ष्मी के 18 पुत्रों का उल्लेख शास्त्रों में है। दीपावली के शुभ मुहूर्त में इनका उच्चारण करने से धन की प्राप्ति होती है।
18 पुत्रों का उल्लेख
- ऊं देवसुखाय नमः।
- ऊं चिक्लीताय नमः।
- ऊं आनंदाय नमः।
- ऊं कर्दमाय नमः।
- ऊं श्री प्रदाय नमः।
- ऊं जातवेदाय नमः।
- ऊं अनुरागाय नमः।
- ऊं संवादाय नमः।
- ऊं विजाय नमः।
- ऊं वल्लभाय नमः।
- ऊं मदाय नमः।
- ऊं हर्षाय नमः।
- ऊं बलाय नमः।
- ऊं तेजसे नमः।
- ऊं दमकाय नमः।
- ऊं सलिलाय नमः।
- ऊं गुग्गुलाय नमः।
- ऊं कुरूंटकाय नमः।
ये उपाय
- घर के मुख्य द्वार पर दोनों तरफ रोली, गंगा जल, कच्चा दूध, चावल व हल्दी इन सभी को मिलाकर 9 इंच का स्वास्तिक बनाने से लक्ष्मी का घर में स्थायी वास होता है।
- मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए दीपावली के दिन गरीबों को भोजन अवश्य करायें। क्योंकि गरीबों को भोजन कराने से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती है।
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मां लक्ष्मी का भजन-कीर्तन
- दीपावली के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाकर लक्ष्मी स्त्रोत का पाठ कर नें से घर की आर्थिक स्थिति बेहतर होती है।
- दीपावली की रात्रि सोना नहीं चाहिए बल्कि मां लक्ष्मी का भजन-कीर्तन करना चाहिए।
- धरती पर विचरण करती है इस रात्रि को लक्ष्मी जी धरती पर विचरण करती है और जिस घर में प्रकाश व सुन्दर वातावरण देखती है, वहां निवास करती है। इसलिए कहा गया है कि जो जागा सो पाया और जो सोया सो वो खोया।
- फिटकरी के चार टुकड़े यदि आपके पास धन की बरक्कत नहीं होती है तो नरक चतुदर्शी के एक लाल कपड़े में लाल चन्दन, रोली व गुलाब के फूल रखकर पहले उसका पूजन करें उसके बाद अपनी तिजोरी में रख दें। व्यवसाय में वृद्धि के लिए दीपावली की रात्रि फिटकरी के चार टुकड़े लेकर चारों कोने में रखकर फिर उन्हीं टुकड़ों को व्यापार पर से उतारकर किसी निर्जन स्थान पर डाल दें। ऐसा करने से रोजगार में वृद्धि होती है। अंहकार को त्यागकर सबसे प्रेम करने से और महिलाओं का मान-सम्मान करने से लक्ष्मी जी की कृपा बरसती रहती है।