नंदीग्राम में ममता बनर्जी पर ‘हमला’ नहीं हुआ ; चुनाव आयोग
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर नंदीग्राम में हुए कथित हमले को चुनाव आयोग ने साजिश मानने से इनकार कर दिया है। रविवार को चुनाव आयोग ने कहा कि नंदीग्राम में ममता बनर्जी पर हुआ ‘हमला’ साजिश नहीं है। बता दें कि नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान घायल हो गईं थीं। जिसके बाद टीएमसी ने आरोप लगाते हुए हमले को साजिश करार दिया था। इसके लिए टीएमसी के नेता दिल्ली में चुनाव आयोग से मुलाकात भी किए थे और जांच की मांग की थी।
चुनाव आयोग ने विशेष पर्यवेक्षकों विवेक दुबे और अजय नायक से रिपोर्ट मांगी थी। पैर में चोट के बाद ममता बनर्जी ने दावा किया था कि 4-5 लोगों ने उनपर हमला किया और जानबूझकर उन्हें घायल किया। इंडिया टुडे ने एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया है कि विशेष पर्यवेक्षकों ने हमले की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया है। पर्यवेक्षकों ने चुनाव आयोग को भेजी रिपोर्ट में कहा है कि हमले का कोई सबूत नहीं मिला है। जिस समय ममता को चोट लगी उस समय वह भारी पुलिस सुरक्षा में थीं। आज ही चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल सरकार की रिपोर्ट को अधूरी बताते हुए मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय को रविवार तक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा था।
बुधवार की शाम को हुई इस घटना के बाद चुनाव आयोग ने राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की थी और राज्य के लिए दो पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की थी। स्पेशल पुलिस ऑब्जर्वर विवेक दुबे और स्पेशल ऑब्जर्वर अजय नायक ने शनिवार को घटनास्थल पर जाकर जांच की और फिर रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेज दी है। पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से चुनाव आयोग को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि नंदीग्राम में 10 मार्च को ममता बनर्जी को कार के दरवाजे से चोट लगी। हालांकि, इसमें यह नहीं कहा गया है कि कार का दरवाजा उनकी पैर पर कैसे लगा। चुनाव आयोग ने पाया है कि सरकार की रिपोर्ट में यह साफ नहीं किया गया है कि चोट कैसे लगी।
चुनाव आयोग का ऐक्शन; सिक्योरिटी डायरेक्टर-SP सस्पेंड, DM का किया गया ट्रांसफर
पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लगी चोट के मामले में चुनाव आयोग ने रविवार को बड़ा ऐक्शन लिया है। ममता बनर्जी के सिक्योरिटी डायरेक्टर विवेक सहाय समेत कई अधिकारियों पर गाज गिरी है। पूरबा मेदिनीपुर के डीएम विभू गोयल का ट्रांसफर कर दिया गया है। वहीं, एसपी प्रवीण प्रकाश को भी सस्पेंड किया गया है। विवेक सहाय को उनके पद से सस्पेंड करते हुए चुनाव आयोग ने कहा है कि जेड प्लस शख्स की सुरक्षा के लिए सिक्योरिटी डायरेक्टर के रूप में अपने प्राथमिक कर्तव्य के निर्वहन में विफल रहने की वजह से एक हफ्ते के अंदर उनके खिलाफ आरोप तय किए जाएं। आयोग ने पूरबा मेदिनीपुर में विभू गोयल की जगह आईएएस अधिकारी स्मिता पांडे को डीएम और डीईओ पद की जिम्मेदारी सौंपी है। गोयल को गैर-चुनावी पद पर ट्रांसफर किया गया है। वहीं, पूरबा मेदिनीपुर के एसपी प्रवीण प्रकाश को निलंबित करते हुए आयोग ने सख्त आदेश दिया है। आयोग ने कहा है कि बंदोबस्त की सुरक्षा में विफल होने के चलते उनके खिलाफ आरोप तय किए जाएं। आयोग ने पंजाब इंटैलिजेंस के पूर्व डीजीपी अनिल कुमार शर्मा को बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए स्पेशल पुलिस ऑब्जर्वर नियुक्त किया है। विवके दुबे के अतिरिक्त एके शर्मा दूसरे स्पेशल पुलिस ऑब्जर्वर होंगे।विशेष चुनाव पर्यवेक्षकों अजय नायक और विवेक दुबे की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि घटना के समय बनर्जी साधारण वाहन का इस्तेमाल कर रही थीं जबकि उनके सुरक्षा निदेशक विवेक सहाय बुलेट प्रूफ कार में सवार थे। इसके अलावा घटना जिस स्थान पर हुई, उस इलाके के निर्वाचन अधिकारी की मंजूरी नहीं ली गई थी। इसके चलते चुनाव अधिकारी वीडियोग्राफरों या उड़न दस्ते को तैनात नहीं कर पाए चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया है कि आयोग ने इस बात को खारिज कर दिया है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कोई हमला हुआ था, जिसके कारण उन्हें चोटें आई थीं। आयोग ने दो विशेष चुनाव पर्यवेक्षकों एवं राज्य सरकार की रिपोर्ट की समीक्षा करने के बाद निष्कर्ष निकाला कि तृणमूल कांग्रेस की नेता बनर्जी को जो चोटें आई हैं, वे उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे कर्मियों की चूक का परिणाम हैं उन्होंने बताया कि बनर्जी एक स्टार प्रचारक होने के बावजूद बुलेट प्रूफ या बख्तरबंद वाहन का इस्तेमाल नहीं कर रही थीं और यह उनकी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार लोगों की चूक है। बनर्जी नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान गिर गई थीं और उनके बाएं पैर एवं कमर में चोटें आई थीं। ऐसे आरोप लगाए गए थे कि जब वह बुधवार की शाम को नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर रही थीं, तब अज्ञात लोगों ने उन्हें धक्का दिया था।