धारा 370 हटने के बाद से जम्मू कश्मीर कितना बदला ?
लोकसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक पास हो गया. इस विधेयक से क्या बदलेगा. इस विधेयक में ऐसा क्या खास है. इस विधेयक की मदद से जम्मू कश्मीर में हर वो कानून लागू हो गया, जो पूरे देश पर लागू होता है.इस संसोधन विधेयक के तहत अब जम्मू कश्मीर प्रशासनिक सेवा का अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेशों के कैडर में शामिल हो गया है. अरुणाचल, गोवा, मिजोरम, केंद्र शासित प्रदेश (AGMUT) है. AGMUT कैडर तीन राज्य और केंद्रशासित प्रदेश कवर करता है. गृह राज्य मंत्री ने ये भी कहा कि अब देश के 170 ऐसे कानून भी जम्मू कश्मीर में लागू हो गए, जो अबतक लागू नहीं होते थे.
- जम्मू कश्मीर को दोबार पूर्ण राज्य का दर्जा मिलेगा
- कश्मीर में अबतक 28 योजनाएं पूरी कर ली गई
- कश्मीर के इतिहास में इतना मतदान कभी नहीं हुआ
गृहमंत्री अमित शाह ने आज जम्मू कश्मीर के विकास पर सदन में खुलकर अपनी बात रखी है. इस विधेयक के पास होने से इतना समझ लेना जरूरी है कि यह अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों के कैडर से संबंधित विधेयक है. इस विधेयक में शामिल प्रावधानों के अनुसार, मौजूदा जम्मू कश्मीर कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा के अधिकारी अब अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेशों के कैडर का हिस्सा होंगे.केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लिए भविष्य के सभी आवंटन भी इन राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से होंगे. इस कैडर के अधिकारियों को जम्मू कश्मीर में तैनात किया जा सके. इस फैसले से अधिकारियों की कमी दूर होगी और केंद्र बेहतर अधिकारियों की मदद से यहां योजनाओं को लागू कर पायेगा.
धारा 370 हटने के बाद से जम्मू कश्मीर कितना बदला ?
आर्टिकल-370 हटाये जाने के बाद जम्मू कश्मीर को क्या मिला ? गृहमंत्री अमित शाह ने आज विस्तार से इसकी जानकारी दी है उन्होंने अपने संबोधन के दौरान जम्मू कश्मीर को दोबार पूर्ण राज्य का दर्जा देने की बात कही और कहा. जम्मू कश्मीर विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है. धारा 370 हटने के बाद 17 महीने का पूरा हिसाब दिया. पढ़ें जम्मू कश्मीर के विकास पर गृहमंत्री की बड़ी बातें
1. कश्मीरी पंडितों की वापसी पर आपने कुछ किया. क्या आप पंडितों को वापस लाने में सफल रहे? कम से कम उन लोगों को वापस लायें ए जो आंतरिक रूप से विस्थापित थे, जो लोग कश्मीर नहीं जा सकते.
2. कश्मीर में बच्चों के हाथ में बंदूक की जगह क्रिकेट बैट हो, ये प्रयास हमने किया. जम्मू-कश्मीर में अबतक 28 योजनाएं पूरी कर ली गई हैं क्योंकि यहां विकास ही सरकार की प्राथमिकता है.
3 .जम्मू कश्मीर में पंचायती राज की शुरुआत हुई.दिसंबर 2018 में जम्मू कश्मीर की निचली पंचायत के चुनाव हुए, जिसमें 74% लोगों ने मतदान किया. कश्मीर के इतिहास में इतना मतदान कभी नहीं हुआ था.करीब 3650 सरपंच निर्वाचित हुए, 33,000 पंच निर्वाचित हुए.
4. पंचायतों को हमने अधिकार दिया है, बजट दिया है. पंचायतों को सुदृढ़ किया है. प्रशासन के 21 विषयों को पंचायतों को दे दिया है. करीब 1500 करोड़ रुपये सीधे बैंक खातों में डालकर जम्मू कश्मीर के गांवों के विकास का रास्ता प्रशस्त किया.
5. जम्मू कश्मीर में 50,000 परिवारों को स्वास्थ्य बीमा के तहत कवर किया है. 10,000 युवाओं को रोजगार योजना में कवर किया है. 6,000 नए कार्य शुरु किए.
6 .प्रधानमंत्री विकास पैकेज पीएम योजना की जो घोषणा हुई , उसका पुनर्निर्माण और मेगा विकास का जो पैकेज था, इसके तहत 58,627 करोड़ रुपये परिव्यय की 54 योजनाएं थी और उसे लगभग 26% और बढ़ाया गया है.
7. आईआईटी जम्मू ने अपने परिसर में शिक्षण शुरु कर दिया है. दोनों एम्स का निर्माण कार्य शुरु हो गया है . 8.45 किमी बनिहाल सुरंग को इस साल खोलने की योजना है. 2022 तक हम कश्मीर घाटी को रेलवे से जोड़ने का काम भी करने वाले हैं.
8. 54 में से 20 परियोजनायें, जिनमें से 7 केंद्रीय और 13 संघ राज्य की थी, ये काफी हद तक पूरी हो चुकी है और बाकी 8 परियोजनाएं मार्च के अंत तक पूरी हो जाएगी । यानी 54 में से 28 परियोजनाओं को काम हमने पूरा कर दिया है.
9 .जम्मू-कश्मीर आत्मनिर्भर राज्य बने, इस दिशा में हम आगे बढ़ रहे, गृह मंत्री ने कहा कि इस विधेयक में ऐसा कहीं भी नहीं लिखा है कि इससे जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा.
10 . अपने इस संबोधन के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस औऱ विपक्ष के कई नेताओं पर भी हमला किया उन्होंने जम्मू कश्मीर के विकास योजनाओं की जानकारी देते हुए असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधा कहा, मुस्लिम अफसर हिन्दू जनता की सेवा नहीं कर सकता या हिन्दू अफसर मुस्लिम जनता की सेवा नहीं कर सकता क्या? उन्होंने कहा कि अफसरों को हिन्दू-मुस्लिम में बांटते हैं और खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं.
अमित शाह ने कहा, ‘हमसे पूछा गया कि आर्टिकल 370 हटाते वक्त जो वादे किए थे उनका क्या हुआ। अभी सिर्फ 17 महीने ही बीते हैं और आप हिसाब मांग रहे हैं। आपने 70 साल क्या किया उसका हिसाब लेकर आये हो क्या? अगर आपने ठीक से काम किया होता तो हमसे पूछने की जरूरत न पड़ती।’
‘बिल का स्टेटहुड से लेना-देना नहीं’
अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2021 पर कहा, ‘इस बिल में ऐसा कहीं भी नहीं लिखा है कि इससे जम्मू-कश्मीर को स्टेटहुड नहीं मिलेगा। मैं फिर से कहता हूं कि इस बिल का जम्मू-कश्मीर के स्टेटहुड से कोई संबंध नहीं है। उपयुक्त समय पर प्रदेश को स्टेटहुड का दर्जा दिया जाएगा।’
‘जम्मू-कश्मीर की पंचायतों को हमने अधिकार दिया’
जम्मू-कश्मीर पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा, ‘दिसंबर 2018 में जम्मू कश्मीर की निचली पंचायत के चुनाव हुए, जिसमें 74 फीसदी लोगों ने मतदान किया। कश्मीर के इतिहास में इतना मतदान कभी नहीं हुआ था। जम्मू कश्मीर की पंचायतों को हमने अधिकार दिया है, बजट दिया है। पंचायतों को सुदृढ़ किया है। प्रशासन के 21 विषयों को पंचायतों को दे दिया है। करीब 1500 करोड़ रुपये सीधे बैंक खातों में डालकर जम्मू कश्मीर के गांवों के विकास का रास्ता प्रशस्त किया है।’
‘राजा-रानी के पेट से नहीं, वोट से नेता चुने जाएंगे’
अमित शाह ने आगे कहा, ‘वहां करीब 3650 सरपंच निर्वाचित हुए, 33,000 पंच निर्वाचित हुए। अब वहां राजा-रानी के पेट से नेता नहीं बनेंगे, वोट से नेता चुने जाएंगे।’ उन्होंने आगे कहा, ‘क्या कश्मीरी युवा को देश की ऑल इंडिया कैडर में आने का अधिकार नहीं है? अगर स्कूल न जलाए होते तो कश्मीर के बच्चे भी आज IAS और IPS बने होते।’
‘हमारी सरकार आने के बाद कश्मीर में हुए पंचायती राज चुनाव’
लोकसभा में अमित शाह ने कहा, ‘हमारी सरकार आने के बाद जम्मू कश्मीर में पंचायती राज की शुरुआत हुई है। पहले जम्मू कश्मीर में तीन परिवार के लोग ही शासन कर रहे थे, इसलिए वो अनुच्छेद 370 के पक्ष में रहते थे। हमने जम्मू कश्मीर में 50,000 परिवारों को स्वास्थ्य बीमा के तहत कवर किया है। 10,000 युवाओं को रोजगार योजना में कवर किया है। 6,000 नए कार्य शुरू किए। मेरा शहर-मेरा गौरव के तहत शहरी विकास के कार्य किए गए हैं।’