बैटल ऑफ बंगाल
बंगाल में तृणमूल और भाजपा के बीच लड़ाई हर दिन बढ़ती जा रही है। गृह मंत्री अमित शाह का 2 दिन का बंगाल दौरा खत्म होने के अगले ही दिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। अमित शाह के सवालों पर उन्होंने कहा कि गृह मंत्री को झूठ बोलना शोभा नहीं देता है और मैं उनके सवालों का जवाब कल दूंगी। वे बोलीं, ”भाजपा चीटिंगबाज पार्टी है, राजनीति के लिए वो कुछ भी कर सकती है।”ममता ने कहा कि मैं 28 दिसंबर को एक प्रशासनिक बैठक में शामिल होने बीरभूम जाऊंगी और 29 तारीख को वहां एक रैली करूंगी। दरअसल, बीरभूम के बोलपुर में रविवार को शाह ने एक रोड शो किया था। इसके बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि बंगाल शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास में पिछड़ता जा रहा है और भ्रष्टाचार, परिवारवाद और राजनीतिक हिंसा में नंबर वन हो गया है।इस पर ममता ने कहा कि भाजपा वाले कुछ भी बोल सकते हैं। उन्होंने नागरिकता संशोधन विधेयक पर भी बात की। कहा, ” हम CAA का तभी से विरोध कर रहे हैं, जब से ये कानून पास किया गया। भाजपा लोगों का भविष्य तय नहीं कर सकती है, लोगों को अपना भविष्य तय करने दें। हम CAA, NPR और NRC के विरोध में हैं। किसी भी शख्स को देश छोड़ने की जरूरत नहीं है।”
कोलकाता में ऐंटी BJP रैली की तैयारी
पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव की लड़ाई मुख्य तौर पर तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच केंद्रित हो गई है। चुनावी बयार के बीच आईपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर के मसले पर केंद्र और राज्य के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में सीएम ममता बनर्जी ऐंटी-बीजेपी दलों पर फोकस करती नजर आ रही हैं। अगले महीने कोलकाता में रैली भी करने की संभावना है। दरअसल सीएम ममता ने आईपीएस तबादले मसले पर साथ खड़े रहने के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और डीएमके चीफ एम.के. स्टालिन का आभार जताया। वहीं उन्होंने एनसीपी नेता शरद पवार से भी फोन पर बातचीत की।ममता अगले महीने जनवरी में कोलकाता में ऐंटी-बीजेपी रैली का आयोजन करने की तैयारी में हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शरद पवार से हुई बात के दौरान ममता ने उन्हें स्टेज साझा करने के लिए निमंत्रित भी किया, जिसे पवार ने स्वीकार भी कर लिया है। इसमें केजरीवाल, स्टालिन सहित अन्य नेताओं के शिरकत की भी गुंजाइश है।बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा हाल ही में पश्चिम बंगाल के दौरे पर गए थे, जहां उनके काफिले पर हमला हुआ था। नड्डा की सुरक्षा की जिम्मेदारी तीन सीनियर आईपीएस अधिकारियों पर थी। केंद्र सरकार ने तीनों अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने संबंधी आदेश जारी किया है, जिसके बाद ममता सरकार से ठन गई है।कैप्टन अमरिंदर सिंह, अरविंद केजरीवाल, भूपेश बघेल और अशोक गहलोत ने हाल ही में आरोप लगाया था कि आईपीएस के इन अधिकारियों के तबादले का केंद्र का आदेश, पश्चिम बंगाल के प्रशासन में हस्तक्षेप है। साथ ही स्टालिन ने भाजपा शासित केंद्र सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल के तीन आईपीएस अधिकारियों के तबादले को निरंकुश कदम और संघीय ढांचे के खिलाफ बताया था।
TMC के स्ट्रैटजिस्ट बोले- भाजपा दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर पाएगी
बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव है और भाजपा 200 सीटों का लक्ष्य लेकर चल रही है। उधर, तृणमूल (TMC) के चुनावी स्ट्रैटजिस्ट प्रशांत किशोर ने सोमवार को सोशल मीडिया पर दावा किया कि बंगाल में भाजपा को दहाई (डबल डिजिट) का आंकड़ा पार करने में भी मुश्किल होगी। उन्होंने कहा कि इस पोस्ट को सेव कर लीजिए, भाजपा अगर इस दावे से बेहतर कुछ भी कर सकी तो, यह स्पेस छोड़ देंगे। हालांकि, उनकी पोस्ट से यह साफ नहीं हो पाया कि वे कौनसा स्पेस छोड़ने की बात कर रहे हैं।
कैलाश विजयवर्गीय बोले- बंगाल में भाजपा की सुनामी
बंगाल में भाजपा के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने बिना नाम लिए प्रशांत किशोर को जवाब दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘भाजपा की बंगाल में जो सुनामी चल रही है, सरकार बनने के बाद इस देश को एक चुनाव रणनीतिकार खोना पड़ेगा।’
शुभेंद्र का इस्तीफा मंजूर
पश्चिम बंगाल के विधानसभा अध्यक्ष ने सोमवार को शुभेंदु अधिकारी का इस्तीफा मंजूर कर लिया। स्पीकर बिमन बनर्जी ने कहा, ”शुभेंदु से आज मेरी मुलाकात हुई। उन्होंने मुझे बताया कि उनका यह फैसला किसी के भी दबाव में आए बिना किया गया है। मैं उनके इस्तीफे से पूरी तरह संतुष्ट हूं और तत्काल प्रभाव से उनका इस्तीफा मंजूर कर रहा हूं।”
प्रशांत किशोर ने 6 साल में अब तक सिर्फ एक हार देखी
- 2011 से 2014: UN के साथ बतौर पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट काम कर चुके प्रशांत किशोर 2011 में मोदी के संपर्क में आए। 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी की जीत के पीछे उनकी बड़ी भूमिका मानी जाती है। बाद में वे भाजपा से अलग हो गए और इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (I-PAC) बनाई।
- 2015: बिहार में महागठबंधन के लिए स्ट्रैटजिस्ट रहे। विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को जीत मिली।
- 2017: पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए स्ट्रैटजी बनाई। पार्टी जीती और कैप्टन अमरिंदर सिंह CM बने। UP में भी वे कांग्रेस के लिए स्ट्रैटजिस्ट थे, लेकिन यहां पार्टी को करारी हार मिली।
- 2019: आंध्र में जगनमोहन रेड्डी के लिए कैम्पेन संभाला और उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव जीत गई।
- 2020: दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के लिए कैम्पेन मैनेज किया। पार्टी को जीत मिली।
- 2021: तमिलनाडु के विधानसभा चुनाव में द्रमुक और बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल के लिए स्ट्रैटजिस्ट।
भाजपा सांसद की पत्नी TMC में शामिल
भाजपा सांसद सौमित्र खान की पत्नी सुजाता मंडल खान सोमवार को TMC में शामिल हो गईं। उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा को ऊपर लाने का काम किया था, लेकिन वहां कोई सम्मान नहीं है।
TMC के बागी शुभेंदु समेत 10 विधायक भाजपा में आए हैं
गृहमंत्री अमित शाह शनिवार और रविवार को बंगाल के दौरे पर थे। ममता बनर्जी के खास रहे पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने शाह की मौजूदगी में शनिवार को भाजपा का दामन थाम लिया। सांसद सुनील मंडल, पूर्व सांसद दशरथ तिर्की और 10 MLA भी भाजपा में शामिल हो गए। इनमें 5 विधायक तृणमूल कांग्रेस के हैं। इस पर शाह ने कहा कि चुनाव आते-आते दीदी (ममता बनर्जी) अकेली रह जाएंगी।
2019 में भाजपा को बंगाल में 18 लोकसभा सीटें मिली थीं
बंगाल में 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 2 सीटें मिली थीं। वोट शेयर 17% से ज्यादा रहा था। 2016 के विधानसभा चुनाव में वह सिर्फ 3 सीटें जीत सकी। वोट शेयर 10% रहा। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा 18 सीटें जीतने में कामयाब रही और वोट शेयर 40.64% जा पहुंचा।