कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को 45 दिन का समय दिया है। इस समय के दौरान उन्होंने गुरु को लेकर जो वादे किए थे उसे पूरा करें। श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने वालों व संगत पर गोली चलाने वालों को पकड़ें। इन 45 दिनों में अगर ऐसा नहीं होता है तो प्रताप सिंह बाजवा भी आजाद होंगे और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी। यह 45 दिन की अवधि जुलाई के पहले सप्ताह में खत्म होगी।बाजवा ने कहा कि हम केवल यह चाहते हैं कि गुटका साहिब हाथ में लेकर गुरु से जो वादे किए गए थे वह पूरे किए जाएं। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रधान रहे प्रताप सिंह बाजवा से जब पूछा गया कि क्या 2022 के चुनाव पर कांग्रेस की धड़ेबंदी का असर नहीं पड़ेगा और इस विवाद का अंत क्या होगा, इस पर उन्होंने कहा कि यह कोई धड़ेबंदी नहीं है। हम केवल यही तो चाह रहे हैं कि जो वादे 2017 में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किए थे, उसे मुख्यमंत्री पूरा कर दें। हम किसी की मुखालफत नहीं कर रहे हैं, बल्कि वही बात उठा रहे हैं जिसे पूरा करने का वादा खुद कैप्टन ने किया था।बाजवा ने कहा, मुख्यमंत्री अगर जुलाई के पहले सप्ताह तक ऐसा नहीं करते हैं तो फिर वह भी आजाद होंगे और मैं भी। हालांकि बाजवा ने यह स्पष्ट नहीं किया कि कैप्टन और वह आजाद कैसे होंगे। एक अन्य सवाल के जवाब में बाजवा ने कहा कि जो लोग चाहते हैं कि गुरु के साथ जो वादे किए गए हैं उन्हें पूरा किया जाए, हम उसके संपर्क में है।क्या बाजवा सिद्धू के संपर्क में हैं? इसके जवाब में बाजवा ने कहा, हां हम संपर्क में है। अगर सरकारी एजेंसियां किसी के खिलाफ भी कोई जुर्म करेगी तो हम एकजुट होंगे। अहम बात यह है कि बाजवा ने यह कहकर उन चर्चाओं को निर्मूल साबित कर दिया, जिसमें कहा जा रहा था कि हाईकमान की घुड़की के बाद विरोधी गुट शांत पड़ गया है। बीते कल ही कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल से बात कर राज्य की राजनीतिक स्थिति से अवगत करवाया था। इसके बाद जाखड़ ने बयान जारी कर आम आदमी पार्टी में संभावनाएं ढूंढने वाले पार्टी नेताओं से सचेत रहने की अपील की थी। जाखड़ ने भले ही इस बयान में किसी का नाम नहीं लिया था, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा था कि वह प्रताप सिंह बाजवा पर ही हमला कर रहे हैं। हालांकि बाजवा ने जाखड़ के इस बयान पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन यह जरूर बता दिया कि कैप्टन के खिलाफ खड़ा होने वाला ग्रुप शांत नहीं हुआ है। हालांकि 45 दिन के बाद क्या होगा इसे लेकर बाजवा अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं।
कैप्टन अमरिंदर सिंह के सलाहकार ने अपने ही कांग्रेस MLA को धमकाया
बहबल कलां गोलीकांड मामले में अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले कांग्रेस विधायक परगट सिंह ने अब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के राजनीतिक सलाहकार संदीप संधू पर धमकाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि उन्हें संधू ने फोन कर कहा कि कैप्टन ने कहा है कि ‘आपकी प्रॉपर्टी को लेकर विजिलेंस ने कागज-पत्र तैयार कर लिए हैं क्योंकि आपने पंजाब सरकार को लेकर सार्वजनिक रूप से कई गलत बातें कही हैं. अब आगे से आप ऐसा न करें, यह आपके लिए उचित होगा.’ परगट सिंह का कहना है कि उन्होंने संधू से जानने की कोशिश कि कि आखिर उन्होंने क्या किया है. इसपर संधू ने जवाब दिया कि मुझे आपको सीएम का मैसेज देना था, सो दे दिया. कांग्रेस विधायक ने कहा है कि मैं मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से कहता हूं कि वे विजिलेंस के साथ-साथ चाहे तो ईडी से भी मेरी संपत्ति की जांच करवा लें. कांग्रेस विधायक परगट सिंह ने कहा है कि जिस तरह से धमकियां दी जा रही हैं यह पंजाब के लिए अच्छा नहीं है.सीएम के राजनीतिक सलाहकार संदीप संधू ने धमकी देने की बात से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि मैंने सिर्फ परगट सिंह से बात की थी. मामले को भड़कता देख इस बीच पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ का बयान भी सामने आया है जिसमें कहा गया है कि विधायकों के खिलाफ विजिलेंस की जांच मात्र अफवाहे है.इस प्रकरण के बाद विधायक परगट सिंह एक बार फिर से आक्रामक हो उठे हैं. उन्होंने कहा है कि कैप्टन सरकार मुझ पर पूर्व मंत्री की तर्ज पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है. विधायक ने कहा कि न तो मैं सरकार में मंत्री रहा हूं और न ही मेरा किसी गुट से संबंध है. उन्होंने कहा कि मैं जनता की सेवा कर रहा हूं और करता रहूंगा. परगट सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह चाहें तो विजिलेंस, ईडी और सीबीआई की भी जांच करवा सकते हैं.
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर उनकी ही कैबिनेट के असंतुष्ट मंत्रियों, विधायकों और सांसदों ने हमला तेज कर दिया है। मंगलवार को कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के आवास पर असंतुष्ट नेताओं की बैठक हुई। इसके बाद रंधावा ने कैप्टन का नाम लिए बिना कहा कि न मैं विजिलेंस से डरता हूं और न ही जेल जाने से। वहीं, सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने विधायक परगट सिंह को मुख्यमंत्री के सलाहकार द्वारा कैप्टन अमरिंदर का नाम लेकर विजिलेंस जांच की धमकी देने के आरोप पर कहा कि यह शर्मनाक है। इस बीच, सिद्धू ने भी ट्विटर से सीएम पर हमला किया। असंतुष्ट नेताओं ने चंडीगढ़ में दो बैठकें कीं। इनमें पहली बैठक चरणजीत सिंह चन्नी के आवास पर हुई। इसमें जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और विधायक परगट सिंह भी मौजूद रहे। इसके बाद दूसरी बैठक सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने सुखजिंदर रंधावा के आवास पर की। इसमें पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान प्रताप बाजवा और कैबिनेट मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ भी मौजूद थे।
सूत्रों के मुताबिक, दोनों बैठकों के बाद असंतुष्ट नेता मंगलवार शाम को ही पूरा विवाद मीडिया के सामने रखने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने वाले थे लेकिन पार्टी आलाकमान के दखल के बाद इसे टाल दिया गया। बैठकों के दौरान सभी नेता इस बात पर सहमत दिखे कि बेअदबी के मुददे पर कैप्टन अमरिंदर सिंह की कार्यप्रणाली से प्रदेश के लोग खुश नहीं हैं और लोगों में यह धारणा मजबूत हो गई है कि कैप्टन बादल परिवार का बचाव कर रहे हैं। बैठक में नेताओं का यह भी कहना था कि अगले साल चुनाव के लिए अब वे किस मुंह से जनता के बीच जाएंगे क्योंकि बेअदबी और कोटकपूरा फायरिंग मामलों में दोषियों को सजा दिलाने का वादा पूरा नहीं हुआ है।
हमारी लड़ाई को भटकाने की कोशिश : रंधावा
जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मंगलवार को चरणजीत चन्नी के आवास पर बैठक के बाद मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की लड़ाई श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी को लेकर है, जिसे अब भटकाने की कोशिश हो रही है। इसका पता लगना चाहिए कि यह साजिश कौन रच रहा है। रंधावा ने मुख्यमंत्री का नाम लिए बिना कहा- न मैं विजिलेंस से डरता हूं और न ही जेल जाने से। चन्नी के खिलाफ महिला आयोग की कार्रवाई को लेकर रंधावा ने कहा कि महिला आयोग एक सांविधानिक संस्था है। जब कोई चेयरमैन बन जाता है तो उसका पार्टी से कोई संबंध नहीं होता। वह सरकार के अधीन कार्य करता है। रंधावा ने कहा कि महिला आयोग की चेयरपर्सन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। उन्होंने सवाल उठाया कि 2018 की ऐसी घटना जिसमें कोई शिकायत भी दर्ज नहीं हुई, उसे आज क्यों उठाया जा रहा है? रंधावा ने कहा कि हमारी लड़ाई पवित्र ग्रंथ की बेअदबी के संबंध में है और हमारे चुनावी घोषणापत्र मे भी यह दर्ज है। कैप्टन ने बरगाड़ी में धरना समाप्त कराने के लिए उन्हें भेजा था और यह निर्देश दिया था कि वहां वादा करके आओ कि बेअदबी के दोषियों को सजा दिलाएंगे। संत समाज ने मेरे घर के बाहर धरना लगाया। ऐसे में जमीर वाला इंसान मुंह दिखाने लायक नहीं रहता।
सच बोलने वालों को आप दुश्मन समझ रहे हो : सिद्धू
अपने ट्विटर हैंडल से नवजोत सिंह सिद्धू ने फिर से कैप्टन अमरिंदर पर हमला बोला। सिद्धू ने मंगलवार को लिखा- जो सांसद और विधायक जनता के मुद्दे उठा रहे हैं, वे पार्टी को ही मजबूत कर रहे हैं। अपने लोकतांत्रिक कर्तव्यों का पालन करते हुए अपनी सांविधानिक जिम्मेवारी निभा रहे हैं। लेकिन जो सच बोल रहा है, वह आपका दुश्मन बन जाता है। इसलिए आप अपने ही पार्टी के साथियों को धमका रहे हैं। यह आपका डर और असुरक्षा को ही दर्शा रहा है।
लोग अकालियों का हिसाब मांग रहे थे, हमने अपनों के बही-खाते खोल लिए : बाजवा
प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि लोगों ने सरकार किसी और उम्मीद से चुनी थी। लोग मानते थे कि कांग्रेस की सरकार राज्य में अकाली-भाजपा गठबंधन द्वारा की गई लूट का हिसाब लेगी। बाजवा ने कहा कि उनका हिसाब तो हमने साढ़े चार साल में भी नहीं लिया। आज जब अपने नेताओं ने यह आवाज उठाई तो हमने अपने ही नेताओं के बही-खाते खोलने शुरू कर दिए। उन्होंने विधायक परगट सिंह को धमकाने की घटना को शर्मनाक करार देते हुए कहा कि लोकतंत्र में ऐसी घटना पहले कभी नहीं हुई। गौरतलब है कि परगट सिंह ने सोमवार को कहा था कि सीएम के सलाहकार संदीप संधू ने उन्हें धमकाया था। संधू ने कहा था, आपने कैप्टन के बारे में कई गलत बातें कही हैं, आपकी प्रॉपर्टी को लेकर विजिलेंस ने कागजात तैयार कर लिए हैं। यह सीएम का मैसेज था जो मैंने आपको दिया है।
पंजाब कांग्रेस में सियासी घमासान क्यों
मुख्यमंत्री पर लगातार हमलावर विधायक नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ डेढ़ साल पुराने मामले में विजिलेंस जांच शुरू कर दी गई है। कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ महिला आयोग ने मी-टू के ढाई साल पुराने मामले में खोला मोर्चा। कहा- अभी तक नहीं मिला जवाब।विधायक परगट सिंह ने मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार संदीप संधू पर प्रॉपर्टी को लेकर विजिलेंस जांच शुरू करने की धमकी देने का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि संधू का कहना था कि यह सीएम का ही संदेश है। पंजाब कांग्रेस में छिड़े विवाद को सुलझाने में अब पार्टी के प्रदेश मामलों के प्रभारी हरीश रावत हस्तक्षेप करेंगे। यह जानकारी गुरुवार को राज्यसभा सांसद और प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रधान प्रताप सिंह बाजवा ने दी। इस बीच, हरीश रावत से इस सिलसिले में बात नहीं हो सकी कि वे चंडीगढ़ पहुंच रहे हैं या पार्टी हाईकमान के साथ बैठकर मसला हल करेंगे।