राम मंदिर भूमिपूजन कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता का अवसर बने: प्रियंका गांधी
लखनऊ अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम से पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि ‘राम सबमें हैं और राम सबके साथ हैं।’ इसके साथ ही प्रियंका ने कहा कि रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने।प्रियंका गांधी ने ट्विट कर कहा, ‘सरलता, साहस, संयम, त्याग, वचनवद्धता, दीनबंधु राम नाम का सार है। राम सबमें हैं, राम सबके साथ हैं। भगवान राम और माता सीता के संदेश और उनकी कृपा के साथ रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने। जय सियाराम।’प्रियंका ने कहा, ‘दुनिया और भारतीय उपमहाद्वीप की संस्कृति में रामायण की गहरी और अमिट छाप है। राम शबरी के हैं, सुग्रीव के भी हैं। कबीर के हैं, तुलसीदास के हैं, रैदास के भी हैं। गांधी के रघुपति राघव राजा राम सबको सन्मति देने वाले हैं। वारिस अली शाह कहते हैं- जो रब है, वही राम है।’ उन्होंने भगवान राम के लिए मैथिलीशरण गुप्त और महाप्राण निराला की पंक्तियों का भी जिक्र किया।
भूमि पूजन पर प्रियंका के बयान के क्या हैं मायने
अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन से पहले कांग्रेस की ओर से कई तरह के बयान सामने आए. पहले कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने शुभ मुहूर्त पर सवाल उठाए और फिर कमलनाथ की ओर से खुलकर स्वागत किया गया. लेकिन मंगलवार को प्रियंका गांधी वाड्रा ने बयान जारी कर भूमि पूजन के लिए शुभकामनाएं दीं और कहा कि राम सबमें हैं. ऐसा लंबे वक्त बाद हुआ है जब गांधी परिवार के किसी सदस्य ने खुलकर राम मंदिर पर बयान दिया हो, ऐसे में प्रियंका के इस बयान के क्या मायने हैं. एक नज़र डालिए…
1. राम मंदिर पर कांग्रेस द्वारा जारी बयान उसकी रणनीति में एक तरह का बदलाव है. अन्यथा कांग्रेस हमेशा सेक्युलर लाइन पर चलती आई है और खुलकर हिन्दुत्व एजेंडे को नहीं स्वीकारती है.
2. कई दशकों के बाद गांधी परिवार के किसी सदस्य ने राम मंदिर पर खुलकर बयान दिया है. वरना इससे पहले हर बार कोर्ट में मामला होने के कारण टाल दिया जाता था.
3. कांग्रेस ने कुछ वक्त से रुख बदलने की कोशिश की है. एक ओर राहुल गांधी की छवि शिवभक्त के तौर पर सामने आई है, तो प्रियंका गांधी की ओर से खुद को अब रामभक्त की तरह प्रोजेक्ट किया जा रहा है. ऐसे में खुलकर सॉफ्ट हिन्दुत्व का संदेश देना पार्टी के भीतर ही नई बहस छेड़ सकता है.
4. राम मंदिर का मुद्दा उत्तर प्रदेश की राजनीति में खासा मायने रखता है. हर चुनाव और किसी अन्य मौके पर इसका जिक्र होता रहा है, ऐसे में प्रियंका यूपी में एक्टिव हैं और उन्होंने ऐसे मुद्दे पर बयान दिया है जो यूपी से होते हुए देश की राजनीति गर्माता है.
आपको बता दें कि इससे पहले जब गुजरात चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने मंदिर-मंदिर जाना शुरू किया था या फिर प्रियंका ने महासचिव पद संभालने के बाद यूपी के अलग-अलग मंदिरों का दौरा किया था. तब भी कांग्रेस के सॉफ्ट हिंदुत्व रुख की बातें की जा रही थीं और पार्टी की रणनीति में एक शिफ्ट बताया जा रहा था.हालांकि, अब प्रियंका गांधी का बयान ऐसे मौके पर आया जब कांग्रेस में भूमि पूजन को लेकर अलग-अलग तरह के बयान आ रहे थे. ऐसे में अगर गांधी परिवार के सदस्य की ओर से बयान आता है तो कांग्रेस की ओर से अब एक ही रुख में बयान दिख सकते हैं.