राज्यसभा सदस्य अमर सिंह का निधन
राज्यसभा सदस्य और पूर्व समाजवादी पार्टी नेता अमर सिंह का 64 साल की उम्र में शनिवार की दोपहर बाद सिंगापुर में निधन हो गया। अमर सिंह काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे और करीब छह महीने से उनका सिंगापुर में इलाज किया जा रहा था। मुंबई मिरर की हाल में प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया था कि वह आईसीयू में थे और उनका परिवार वहां पर था। इससे पहले, साल 2013 में अमर सिंह की किडनी खराब हो गई थी।
आज दिन में उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी थी और सभी फॉलोअर्स को ईद अल अजहा के मौके पर उन्हें बधाई भी दी। अमर सिंह के प्रोफाइल को देखकर लगता है कि वह बीमार होने के बावजूद सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय थे।उन्होंने अस्पताल के बेड से 22 मार्च को ट्विटर पर एक छोटा सा वीडियो पोस्ट किया था। इस वीडियो में उन्होंने अपने सभी फॉलोअर्स में अपील करते हुए कहा था कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का समर्थन करें। 2 मार्च को उन्होंने एक अन्य वीडियो संदेश पोस्ट करते हुए उन कयासों पर विराम लगाया था, जिसमें यह कहा जा रहा था कि वे इस दुनिया में नहीं रहे। वीडियो के साथ एक लाइन में छोटा सा संदेश लिखा था- “टाइगर जिंदा है।”
अमर सिंह ने समाजवादी पार्टी छोड़ने के बाद अपनी पार्टी बना ली थी। एक समय वह सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह के सबसे विश्वासपात्र माने जाते थे। उन्होंने हाल में एक ट्वीट कर कहा था कि वह सपा में कभी नहीं लौटे। अमर सिंह ने 6 जनवरी 2010 को समाजवादी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था और बाद में उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।अमर सिंह का जन्म 27 जनवरी 1956 को आजमगढ़ के तरवा इलाके में हुआ था। उनकी पत्नी का नाम पंकजा कुमारी सिंह है। उनकी शादी 1987 में हुई थी। अमर सिंह की दो जुड़वा बेटियां है उनके नाम दृष्टि और दिशा सिंह हैं। अमर सिंह ने कोलकाता के स्कूल से पढ़ाई की थी। वे कई राजनेताओं, उद्योगपतियों और फिल्मी सितारों के सबसे करीब लोगों में जो शुमार थे। अमिताभ बच्चन उन्हें अपना बड़ा भाई बताते थे वहीं मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी उन्हें छोटा भाई कहते थे। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और चंद्रशेखर से लेकर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव तक कई राजनेताओं के वे बहुत करीबी थे। अमिताभ बच्चन को दीवालिया होने से उन्होंने बचाया था। अनिल अंबानी को उत्तर प्रदेश में पॉवर प्रोजेक्ट लगाने में भी राजनीतिक मदद उन्होंने की।