अयोध्या रामजन्मभूमि; समतलीकरण खुदाई में मिला शिवलिंग और प्राचीन मूर्तियां
अयोध्या राम जन्मभूमि परिसर के समतलीकरण का काम चल रहा है. इस दौरान कई पुरातात्विक मूर्तियां, खंभे और शिवलिंग मिल रहे हैं . श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय ने कहा कि मलबा हटाने के दौरान कई मूर्तियां और एक बड़ा शिवलिंग मिला है.राम मंदिर निर्माण के लिए बनाई गई ट्रस्ट श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र का कहना है कि समतलीकरण के दौरान काफी संख्या में पुरावशेष यथा देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियां, पुष्प, कलश, आमलक, दोरजाम्ब आदि कलाकृतियां, मेहराब के पत्थर, 7 ब्लैक टच स्टोन के स्तम्भ, 8 रेड सैंड स्टोन के स्तंभ और 5 फिट आकार की नकाशीयुक्त शिवलिंग की आकृति मिली है.आपको बताते दें कि अयोध्या में रामजन्म भूमि परिसर में जब भी खुदाई है तो मन्दिर के अनेक प्रमाण और पुरावशेष पहले भी मिले हैं और कानूनी फैसले में यह प्रमाण अहम साबित हुए। विष्णु जैन ने कहा अब तो विश्वास हो गया होगा।
समतलीकरण के दौरान मिले पुरावशेष
खुदाई के दौरान भारी संख्या में देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियां
7 ब्लैक टच स्टोन के स्तम्भ
8 रेड सैंडस्टोन के स्तम्भ
5 फ़ीट का एक शिवलिंग भी मिला
खुदाई के दौरान पुरातत्विक महत्व की कई वस्तुएं मिली जैसे- कलश, पुष्प, आमलक आदि
राम जन्मभूमि परिसर में 11 मई से समतलीकरण का काम शुरू हुआ है, जो अभी भी जारी है. कोरोना महामारी के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए जेसीबी, क्रेन, ट्रैक्टर और 10 मजदूरों की टीम समतलीकरण का काम कर रही है. परिसर के समतलीकरण के बाद मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी.अयोध्या में जल्द ही राममंदिर ट्रस्ट का कार्यालय भी खुल जाएगा. रामजन्मभूमि परिसर के पास राम कचहरी मंदिर में ट्रस्ट के कार्यालय का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. संचालन के लिए कंप्यूटर और दूसरी जरूरी चीजें आ चुकी हैं. कार्यालय में केवल फिनिशिंग का काम बाकी है. इसी कार्यालय में बैठकर ट्रस्टी आगे की रूपरेखा तय करेंगे.
जन्मभूमि परिसर में हो रहा साफ सफाई का काम
रामजन्मभूमि परिक्षेत्र में कोर्ट के फ़ैसले से पहले कोई निर्माण कार्य करने की मनाही थी. लेकिन जबसे सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में फ़ैसला दिया है, अधिग्रहित क्षेत्र में निर्माण की शुरुआती प्रक्रिया शुरू हो गई है. लॉकडाउन में मिली कुछ रियायतों के बीच मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या के राम जन्मभूमि न्यास कार्यशाला में तराशे गए पत्थरों की सफाई का कार्य धीरे-धीरे शुरू हो गया है.
ये था सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
9 नवंबर को दिए ऐतिहासिक फैसले में कोर्ट ने पूरी 2.77 एकड़ जमीन रामलला को दी थी. कोर्ट ने मंदिर के निर्माण और प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार को एक ट्रस्ट बनाने के लिए कहा था. 5 जजों का यह एकमत फैसला उपलब्ध तथ्यों के हिसाब से विवादित ज़मीन पर मुसलमानों की तुलना में ज़्यादा मज़बूत हिंदू दावे के चलते दिया गया था. फिर भी कोर्ट ने माना था कि 1857 से लेकर 1949 तक मुसलमानों ने वहां नमाज पढ़ी. 1949 इमारत में मूर्ति रख कर मुसलमानों को जबरन वहां से भगाया गया. 1992 मस्ज़िद को तोड़ दिया गया. इसलिए, कोर्ट ने पूरा इंसाफ करने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही किसी वैकल्पिक जगह पर 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था.