राज्यसभा उम्मीदवारी; यूपी में बसपा के छह विधायकों की बगावत
बसपा के छह विधायकों ने राज्यसभा की 10 सीटों के लिए हो रहे चुनाव में पार्टी हाईकमान से मतभेद के चलते बुधवार को बगावत कर दी। बसपा प्रत्याशी रामजी गौतम की राज्यसभा उम्मीदवारी में प्रस्तावक बने छह विधायकों ने प्रस्ताव पर अपने हस्ताक्षर के फर्जी होने का आरोप लगाया और पीठासीन अधिकारी को शपथ पत्र देकर नाम वापस लेने की बात कही। इसके बाद सभी छह विधायक समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से मिलने सपा मुख्यालय पहुंच गए।विधायकों के इस रूख से हतप्रभ बसपा में हड़कंप मच गया। पूरे घटनाक्रम के पीछे समाजवादी पार्टी की सोची-समझी रणनीति मानी जा रही है। फिलहाल, बसपा के वरिष्ठ नेताओं ने पूरे मामले पर चुप्पी साध रखी है। मान-मनौव्वल का दौर जारी है। उधर, पीठासीन अधिकारी सभी विधिक पहलुओं पर विचार कर रहे हैं।
बसपा विधायकों की बगावत का यह होगा असर
छह विधायकों की बगावत या यूं कहें प्रस्तावक के रूप में नाम वापस लेने पर बसपा उम्मीदवार रामजी गौतम का नामांकन खारिज होने की संभावना प्रबल हो गई है। हालांकि अंतिम फैसला विधिक नियमों और पीठासीन अधिकारी पर निर्भर करेगा। इस बात की भी कानूनी जांच की जा रही है कि क्या प्रस्तावकों के हस्ताक्षर वकई में फर्जी हैं? साथ ही उन्हें नाम वापस लेने का क्या विधिक अधिकार है। इसके चलते सपा समर्थित प्रत्याशी प्रकाश बजाज के बतौर 10वें प्रत्याशी निर्विरोध चुने जाने की संभावना बन रही है। वह भी तब जबकि उनके नामांकन पत्र में कोई कमी न पाई जाए और नामांकन खारिज न हो।
घटनाक्रम की शुरुआत बुधवार की सुबह 10.45 बजे के करीब हुई। बसपा विधायक असलम राईनी, असलम अली चौधरी, हाकम लाल बिंद, हरगोविंद भार्गव, मुजतबा सिद्दीकी और सुषमा पटेल विधानसभा पहुंचे। वहां उन्होंने पीठासीन अधिकारी को पत्र देकर कहा कि बसपा प्रत्याशी रामजी गौतम के नामांकन पत्र पर उन्होंने हस्ताक्षर नहीं किए हैं। जो भी हस्ताक्षर हैं वे फर्जी हैं।बात यहां तक तो ठीक थी, लेकिन विधानसभा से बाहर निकलते ही दोपहर करीब 12 बजे सभी विधायकों का काफिला बसपा मुख्यालय न जाकर समाजवादी पार्टी मुख्यालय पहुंच गया। इससे बसपा खेमे में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में दिल्ली में मायावती को सूचित किया गया। हंडिया प्रयागराज से बसपा विधायक हाकिम लाल बिंद ने कहा कि सभी विधायकों ने पीठासीन अधिकारी को शपथपत्र दिए हैं। प्रस्ताव पर हमारे हस्ताक्षर नहीं हैं। ऐसा करने वालों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाए।
अखिलेश से आधे घंटे हुई मंत्रणा
बसपा के सभी छह विधायकों की सपा मुख्यालय में अखिलेश यादव से करीब आधा घंटे तक बातचीत हुई। सूत्रों का कहना है कि इस दौरान सभी विधायकों ने अखिलेश के नेतृत्व में काम करने की इच्छा जताई। अखिलेश यादव की ओर से इसका स्वागत किया गया। साथ ही बसपा विधायकों का अगला कदम क्या हो इसे लेकर रणनीति बनाई गई। माना जा रहा है कि यह विधायक लंबे समय से अखिलेश यादव के संपर्क में थे।
विधिक पहलुओं पर हो रहा विचार
मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय शुक्ला ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी के पांच प्रस्तावकों विवाद की स्थिति पैदा हो गई है। यह न्यायिक मामला हो गया है। इसके निस्तारण के लिए पीठासीन अधिकारी सभी विधिक पहलुओं पर विचार कर रहे हैं और विधिक राय ली जा रही है।
रामजी गौतम के 10 प्रस्तावक
बसपा के वरिष्ठ नेताओं में से एक और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। बिहार और मध्य प्रदेश राज्य के प्रभारी रामजी गौतम ने बीते सोमवार को राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन किया था। उनके प्रस्ताव पत्र पर 10 बसपा विधायकों असलम राईनी, असलम अली चौधरी, हरगोविंद भार्गव, सुषमा पटेल, मुजतबा सिद्दीकी के अलावा लालजी वर्मा, रामअचल राजभर, उमाशंकर सिंह, आजाद अरिमर्दन और शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली के नाम हैं। इनमें से छह ने अपने हस्ताक्षर फर्जी होने का आरोप लगाते हुए नाम वापस लेने का शपथपत्र दिया है।